1. अमूर्त चिंतन (abstract thinking)2. अमूर्त चिंतन में हजारों साल की महारत उन्हें हासिल है।3. इसीलिए उनके काव्य में अमूर्त चिंतन नहीं है, जीवन है। 4. चिंतक व्यक्ति की विशेषताएं हैं, अमूर्त चिंतन का प्राधान्य, तार्किक निर्मिति, सैद्धांतीकरण। 5. लेकिन जब स्मृति और अमूर्त चिंतन की बात आई, तब लगा कि कुछ समझ में आया। 6. वह अपने से ऐच्छिक स्मृति, ऐच्छिक ध्यान और अमूर्त चिंतन जैसी सर्वोच्च मानवीय विशेषताएं विकसित करता है। 7. अच्छा महसूस कराने वाले वाक्यों और अमूर्त चिंतन का दस्तावेज नहीं है, बल्कि इसमें ठोस कदम दिए 8. अमूर्त चिंतन के विकास की भांति ज्ञानेन्द्रियों का विकास भी यथार्थ के अधिक पर्याप्त परावर्तन का एक तरीका है।9. भारत ने वह शिखर जाना है-अमूर्त चिंतन का शिखर, वैज्ञानिक विचारों की ऊंचाई, दर्शनशास्त्र व तत्वज्ञान का शिखर। 10. कुछौ समझ में नही आया-जब ब्लाग इतने व्यक्तिपरक और अमूर्त चिंतन के होने लगेगें तो उनकी सार्वजनीन उपयोगिता खत्म हो जायेगी.